البحر المتقارب

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14-11-2020 03:42 PM

السوسنة - سمي بحر المتقارب لتقارب أوتاده، ويكثراستعمال  هذا البحر في قصائد الثورة، و ذلك لتسارعه و تدفقه، لاحظ الأبيات الآتي التي هي من قصائد مختلفة تدعو إلى الثورة :
 
1- إذا الشعب يوما أراد الحياة                 فلا بدّ أن يستجيب القدر
د - - / د - - / د - - / د – د             د - - / د - - / د - - / د –
 
2- أخي جاوز الظالمون المدى                 فحقّ الجهاد و حقّ الفدا 
د - - /  د - -/  د - - / د -        د - -   / د – د  / د - -  / د –
 
3 - سأحمل روحي على راحتي                 وألقي بها في مهاوي الردى 
د – د /  د - - / د - -  / د -      د - - / د - - / د - - / د –
 
والمتقارب كما تلاحظ في  الأبيات  السابقة ثماني التفعيلات، أربع تفعيلات في كل شطر، وهو من البحور الصافية – يتألأف من تفعيلة واحدة متكررة لا تخالطه تفعيلة أخرى -  و لذلك فهو يأتي أيضا في الشعر الحرّ. 
 
مفتاح البحر : 
عنِ المتقارب قال الخليل                    فَعُولُن  فَعُولُن فَعُولُن فَعُولُن
وزنه :
فَعُولُن فَعُولُن فَعُولُن فَعُولُن                  فَعُولُن  فَعُولُن فَعُولُن فَعُولُن
 د - - / د - - / د - - / د - -               د - - / د - - / د - - / د - - 
 
 
التفعيلات : 
1-تفعيلة رئيسية واحده هي فعولن  د -  -
2- التفعيلات الثانوية :
 فعولُ د – د 
فعولْ د - 
فعو د - 
فَعْ - 
 
مجزوء المتقارب : 
ويأتي على ستة تفعيلات، ثلاث تفعيلات في كل شطر، نحو : 
1 - جعلت إليك الهوى              شفيعا فلم تشفعني 
د – د / د - - / د -             د - - / د - - / د – 
2 -  و ناديت مستعطفا            رضاك فلم تسمعي       
 د - - / د - - / د -               د – د / د - - / د - 
 
نموذج من الشعر الحرّ على بحر المتقارب : 
يقول محمود درويش في قصيدته " كتابة بالفحم المقترح " : 
مدينتنا  حوصرت في الظهيرة ْ
د - د/ د - -  / د - - / د - -
مدينتنا اكتشفتْ وجهها في الحصار 
د – د  / د - - د/  د - - /  د - -   / د - 
لقد كذب اللون 
د – د /  د - -  / د 
لا شأن لي يا أسيرة
- -  / د - -  / د - - 
بشمس تلمّع أوسمة الفاتحين 
 د - -  / د – د /  د – د /  د - -  / د - 

 



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